इस ब्लॉग पर कोशिश है कि मीडिया जगत की विचारोत्तेजक और नीतिगत चीजों को प्रेषित और पोस्ट किया जाए। मीडिया के अंतर्विरोधों पर आपके भी विचार आमंत्रित हैं।
शनिवार, 20 दिसंबर 2014
ज़िंदगी बादे फना तुझको मिलेगी हसरत, तेरा जीना तेरे मरने की बदौलत होगा
शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014
पेशेवर और व्यावसायिकता के बीच भारतीय पत्रकारिता
गुरुवार, 9 अक्टूबर 2014
चीन रेडियो पर
http://hindi.cri.cn/1321/2014/10/09/1s162514.htm
मंगलवार, 7 अक्टूबर 2014
नदी संरक्षण के लिए दिल्ली में होगा मीडिया जुटान
शनिवार, 13 सितंबर 2014
इंसानियत की तरफ बढ़े हाथ
बुधवार, 3 सितंबर 2014
तीसरे प्रेस आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव नही- केंद्र सरकार
मंगलवार, 2 सितंबर 2014
इन्क्लूसिव मीडिया – यूएनडीपी फैलोशिप 2014
फैलोशिप के लिए अभ्यर्थियों का चयन प्रसिद्ध पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता श्री विनीत नारायण, विकासपरक मुद्दों के विशेषज्ञ तथा विकासशील समाज अध्ययन पीठ(सीएसडीएस) के वरिष्ठ फैलो प्रोफेसर पीटर डीसूजा, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑव मैनेजमेंट, अहमदाबाद(आईआईएम-ए) के पूर्व डीन प्रो. जगदीप छोकर, यूएन कोऑर्डिनेशन एडवाइजर सुश्री राधिका कौल बत्रा तथा आईआईटी दिल्ली की अर्थशास्त्री(विकास) सुश्री रीतिका खेड़ा ने किया।
चयनित अभ्यर्थियों के नाम और उनके परियोजना प्रस्ताव का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है :
1. सुश्री शारदा लहंगीर, एएनआई/ विमेन्स फीचर सर्विस (ओडिशा के छह जनजातीय जिलों में वनाधिकार के क्रियान्वयन और आजीविका के लिहाज से आदिवासी समुदाय पर प्रभाव का अध्ययन)
2. रजनीश आनंद, प्रभात खबर, रांची ( झारखंड के चाईबासा और सिंहभूम जिले में माहवारी से संबंधित व्याप्त भ्रांतियों और इससे संबंधित स्वास्थ्गत साफ-सफाई की समस्या पर केंद्रित अध्ययन)
3. आलोका कुजूर, स्वतंत्र पत्रकार, अपनी रांची ( झारखंड के बिरहोर समुदाय की महिलाओं और बच्चों के संदर्भ में खाद्य-सुरक्षा, जमीन और जीविका के मुद्दे पर केंद्रित अध्ययन)
4. जसिन्ता केरकेट्टा, स्वतंत्र पत्रकार, खबरमंत्र (झारखंड के पाँच जिलों में पहाड़िया समुदाय की रोजगार और सांस्कृतिक दशा का अध्ययन)
5. संजीव वर्मा, हिन्दुस्तान टाइम्स, चंडीगढ़ (महिलाओं की स्थिति के लिहाज से पंजाब के पाँच जिलों में मादक द्रव्यों का प्रभाव, इससे संबंधित कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य-सुविधाओं की स्थिति का अध्ययन)
6. संजय रे, द असम ट्रब्यून, गुवाहाटी (असम के दूर-दराज के इलाकों के चाय-बगानों के बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चियों की स्थिति के आकलन पर केंद्रित अध्ययन)
इन्क्लूसिव मीडिया फॉर चेंज(www.im4change.org) समाज के वंचित वर्गों से संबंधित विचारों, सूचनाओं और विकल्पों का एक भंडारघर चलाता है, साथ ही इस परियोजना के अन्तर्गत शोध-कार्य और मीडिया कैप्सिटी बिल्डिंग की कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। परियोजना विकासशील समाज अध्ययन पीठ, राजपुर रोड, दिल्ली में स्थित है।
सोमवार, 18 अगस्त 2014
राजेंद्र यादव बिना हंस का पहला सालाना जलसा
उमेश चतुर्वेदी
(वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय द्वारा संपादित पत्रिका यथावत में प्रकाशित)
शनिवार, 9 अगस्त 2014
समाजवाद को समझने का सूत्र
शुक्रवार, 8 अगस्त 2014
सोनिया पर किताबी विवाद
फ्रांस का औपन्यासिक चित्रण
गुरुवार, 24 जुलाई 2014
नया मीडिया और ग्रामीण पत्रकारिता
- उमेश चतुर्वेदी
गुरुवार, 10 जुलाई 2014
मोदी सरकार की एक और पलटी, चीन युद्ध की रिपोर्ट पर मुकरी
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उमेश चतुर्वेदी लोहिया जी कहते थे कि दिल्ली में माला पहनाने वाली एक कौम है। सरकारें बदल जाती हैं, लेकिन माला पहनाने वाली इस कौम में कोई बदला...
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टेलीविजन के खिलाफ उमेश चतुर्वेदी वाराणसी का प्रशासन इन दिनों कुछ समाचार चैनलों के रिपोर्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटा है। प्रशासन का ...