उमेश चतुर्वेदी
1996 की बात है,
तब मैं शावक पत्रकार था, अमर उजाला ग्रुप के आर्थिक अखबार अमर उजाला
कारोबार में मेरी नई-नई नौकरी लगी थी। तब के संपादक ने नौकरी देते वक्त मुझसे
ट्रेड यूनियन और साहित्यिक-सांस्कृतिक रिपोर्टिंग कराने का वादा किया था। लेकिन
बाद में उन्होंने मंडी रिपोर्टिंग के काम पर लगा दिया। मेरे तत्कालीन बॉस ने एक
दिन मुझसे कहा कि आप जाकर एशिया के सबसे बड़े हार्डवेयर मार्केट पर स्टोरी करके लाएं। मैंने पता लगाया कि वह मार्केट नई
दिल्ली स्टेशन के पास स्वामी श्रद्धानंद मार्ग पर है।