...गतांक से आगे 4....
दैनिक जागरण ने इस सिलसिले में 24 अक्टूबर को
तीन खबरें प्रकाशित की हैं, जबकि 25 अक्टूबर और 31 अक्टूबर को एक-एक खबर छापी है।
24 अक्टूबर को पहले पृष्ठ पर दो कॉलम में प्रकाशित खबर का शीर्षक है – अजमेर धमाके की चार्जशीट में संघ के नेता का
नाम। पृष्ठ तीन पर प्रकाशित दो खबरों का शीर्षक है – इंद्रेश कुमार के साथ संघ परिवार एकजुट और कांग्रेस
का संघ पर हमला, बिहार में और आक्रामक होगी पार्टी। 25 अक्टूबर को अखबार ने लिखा
है – एटीएस एक-दो दिन में
इंद्रेश से करेगी पूछताछ। इसी दिन दूसरी खबर है – संघ की साख बचाने में जुटेगा अल्पसंख्यक मोर्चा।
अखबार तीन नवंबर को लिखता है –
मोदी फार्मूले से एटीएस पर हमला बोलेगा संघ। अहमदाबाद डेटलाइन की इस खबर को
शत्रुघ्न शर्मा ने लिखा है। तीन कॉलम की इस खबर में आरएसएस के दस नवंबर के धरने को
आधार बनाया गया है। दैनिक जागरण ने 8 नवंबर को ग्वालियर डेटलाइन से खबर प्रकाशित
की- इंद्रेश के समर्थन में आए मुस्लिम संगठन।
परिवार पर हमले के खिलाफ संघ के प्रदर्शन की
कवरेज
संघ परिवार पर हमले के बाद और इंद्रेश कुमार
का नाम सीधे-सीधे अजमेर ब्लास्ट के षडयंत्र में नाम आने के बाद संघ परिवार का
गुस्से में होना जायज था। इसके खिलाफ देशभर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने दस
नवंबर को प्रदर्शन किया। अब एक नजर उसकी कवरेज पर भी डालते हैं। सबसे पहले
अंग्रेजी अखबारों पर एक नजर –
10 नवंबर के संघ का प्रदर्शन अंग्रेजी दैनिक द
इंडियन एक्सप्रेस को एक ही खबर लायक लगा। 11 नवंबर को एक्सप्रेस ने लखनऊ, जयपुर और
वडोदरा डेटलाइन से एक ही खबर प्रकाशित की, अलबत्ता लखनऊ में धरने को संबोधित करते
संघ प्रमुख मोहन राव भागवत की तसवीर जरूर प्रकाशित की। इस खबर का शीर्षक है – आरएसएस आउट ऑन द स्ट्रीट्स : वोन्ट टॉलरेट अटैम्प्ट्स टू डिफेम। द
स्टेट्समैन को देशभर में जारी यह प्रदर्शन महज दो खबरों लायक लगा। 11 नवंबर की
पहली खबर लखनऊ डेटलाइन से प्रकाशित की गई, जिसमें बेंगलुरू में प्रदर्शन कर रहे
संघ कार्यकर्ताओं की तसवीर छापी गई। इस खबर का शीर्षक था- टैगिंग आरएसएस ऐज
टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन ए कॉंसिपरेसी। इसी दिन इसी अखबार ने दूसरी खबर भी प्रकाशित
की – बीजेपी डिवाइडेड ऑन
ज्वाइनिंग आरएसएस प्रोटेस्ट। 11 नवंबर को द हिंदू ने तीन कॉलम की एक ही खबर
प्रकाशित की, जिसका शीर्षक था- कॉन्सिपरेसी टू मालिग्न हिंदू समाज : आरएसएस चीफ। लखनऊ डेटलाइन ने पायोनियर ने भी एक
ही खबर प्रकाशित की – आरएसएस
फाइट्स टेरर टैग विथ धरनाज। टाइम्स ऑफ इंडिया को भी यह घटना एक ही खबर लायक लगी।
उसने 11 नवंबर को डोन्ट इक्वेट आरएसएस विथ टेरर शीर्षक चार कॉलम की खबर छापकर
इतिश्री समझ ली। हिंदुस्तान टाइम्स के लिए यह खबर प्रकाशित करने लायक ही नहीं लगी।
अलबत्ता उसने इसी दिन शार्ट स्टोरीज कॉलम के तहत एक खबर छापने की रस्म पूरी की। 11
नवंबर की इस खबर का शीर्षक है –
इंद्रेश कुमार डिफेंड्स हिमसेल्फ ए आरएसएस रैली। एशियन एज ने सिंगल कॉलम की दो
खबरें और जयपुर से धरने की तीन कॉलम की तसवीर प्रकाशित की। लखनऊ से अमित बरूआ ने
लिखा- आरएसएस चीफ टेल्स सेंटर : स्टॉप
मालिक्निंग हिंदूज। दूसरी खबर भोपाल और जयपुर से लिखी गई थी- आरएसएस वर्कर्स स्टेज
प्रोटेस्ट्स।
अब नजर डालते हैं हिंदी अखबारों पर। दैनिक
जागरण ने 11 नवंबर को आरएसएस के धरने से संबंधित तीन खबरें प्रकाशित कीं। पहली खबर
नई दिल्ली डेटलाइन से प्रकाशित की गई- केंद्र से दो-दो हाथ करने का ऐलान। तीन कॉलम
की इस खबर के साथ संघ प्रमुख का लखनऊ का फोटो भी प्रकाशित किया गया। इसी दिन जागरण
ने लखनऊ से हरिशंकर मिश्र का विश्लेषण अखबार ने प्रकाशित किया- तो अब हिंदुत्व को
मिलेगी सियासी धार। साथ में सिंगल कॉलम की छोटी खबर भी प्रकाशित की गई – राज्यपाल को ज्ञापन, केंद्र सरकार को
चेतावनी। इसके साथ धरने की एक कॉलम की तसवीर भी अखबार ने प्रकाशित की। संघ परिवार
पर हमले को लेकर मुखर रहे दैनिक हिंदुस्तान का लखनऊ में भरा-पूरा संस्करण है। इसके
बावजूद उसने धरने की खबर अंदर के पृष्ठ पर एजेंसी के हवाले से प्रकाशित की।
दिल्ली, लखनऊ और इंदौर डेटलाइन से प्रकाशित दो कॉलम की इस खबर के साथ लखनऊ में धरने
पर बैठे संघ प्रमुख की खबर भी अखबार ने प्रकाशित की। राष्ट्रीय सहारा ने 11 नवंबर
को दिल्ली के शकरपुर में धरने पर बैठे प्रवीण तोगड़िया और बी एल शर्मा प्रेम की
तसवीरों के साथ नई दिल्ली से लिखी दो कॉलम की खबर प्रकाशित की। अमर उजाला ने 11
नवंबर को इस सिलसिले में दो खबरें प्रकाशित कीं। पहली खबर में बीजेपी की संसदीय दल
की बैठक में आडवाणी के भाषण के हवाले से जानकारी दी गई। जिसका शीर्षक रहा – जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर उठाए सवाल।
इसी खबर में अशोक सिंघल के हवाले से लिखा गया है – इंद्रेश पर आरोप हिंदू विरोधी मानसिकता का प्रतीक।
पहले पेज पर धरने को लेकर इस अखबार ने दो कॉलम की छोटी खबर प्रकाशित की- संघ के
खात्मे की साजिश। अजमेर ब्लास्ट में इंद्रेश कुमार का नाम आने के बाद बढ़-चढ़ कर
खबरें देने वाले दिल्ली से प्रकाशित नई दुनिया अखबार ने संघ परिवार के धरने की
सिर्फ दो ही खबरें प्रकाशित कीं। तीन कॉलम की पहली खबर में देशभर की धरने की खबरों
को समेटा गया है। इस खबर के साथ तीन कॉलम की धरने पर बैठी संघ प्रमुख की तसवीर
प्रकाशित की गई है। दूसरी खबर भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल की बैठक पर आधारित है,
जिसका शीर्षक है- संघ को बदनाम करने की साजिश : आडवाणी। नवभारत टाइम्स ने भी इस धरने की सिर्फ सिंगल
कॉलम की खबर ही प्रकाशित की। मजे की बात यह है कि यह खबर आईएएनएस एजेंसी के हवाले
से प्रकाशित की गई है, जिसका शीर्षक है- भगवा आतंकवाद के खिलाफ संघ का मोर्चा।
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