शुक्रवार, 14 दिसंबर 2012

इंद्रेश प्रकरण की कवरेज .....



गतांक से आगे....
10 नवंबर के धरने की सबसे जोरदार कवरेज पंजाब केसरी ने की। पहले पेज पर संघ प्रमुख की तसवीर समेत दो तसवीरों के साथ दो कॉलम की खबर प्रकाशित की। भागवत ने दी गंभीर परिणामों की चेतावनी। यह खबर अंदर के पेज 11 पर भी फैलाई गई है। इसी दिन अखबार ने एक और खबर नई दिल्ली डेटलाइन से प्रकाशित की है। दिनेश शर्मा की दो कॉलम की इस खबर के साथ चार तस्वीरें प्रकाशित की गईं हैं। जिनमें दिल्ली के संघ के नेता और भारतीय जनता पार्टी के नेता धरने पर बैठे दिख रहे हैं। दिनेश शर्मा की इस खबर का शीर्षक है कांग्रेस अपने पाप छिपा रही है : संघ का पलटवार।
इसके साथ ही धरने पर बैठे लोगों की भी एक तसवीर भी है। पंजाब केसरी ने उत्तरांचल से धरने की दो तसवीरें, पानीपत से एक तसवीर, गाजियाबाद से एक, रेवाड़ी से एक , सोनीपत से दो तसवीरें और गुड़गांव की एक दो कॉलम की तसवीर पंजाब केसरी ने प्रकाशित की। इसके साथ पंजाब केसरी ने संघ परिवार को राजस्थान एटीएस के जरिए फंसाने की कोशिश के खिलाफ संपादकीय लिखा था। संघ के धरने के दौरान इस संपादकीय की चर्चा भी रही। जिसे लेकर सिंगल कॉलम की खबर भी पंजाब केसरी ने प्रकाशित की। लेकिन सबसे मजेदार कवरेज रही दैनिक भास्कर। धरने पर बैठे पूर्व संघ प्रमुख के सी सुदर्शन ने पत्रकारों से औपचारिक बातचीत की। जिसमें उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कुछ बातें कहीं। जिसमें उन्होंने सोनिया को सीआईए का एजेंट बताया था। दैनिक भास्कर ने 11 नवंबर को इसे प्रमुख खबर बनाया। लेकिन लखनऊ में भागवत के धरने की खबर को महज पांच लाइनों में निबटा दिया गया। पूर्व संघ प्रमुख के पहले के विवादित बयानों की भी अखबार ने फेहरिश्त भी दी है।

सुदर्शन की गपशप , कांग्रेस के लिए मौका
दैनिक भास्कर के संवाददाता से भोपाल में पूर्व संघ प्रमुख सुदर्शन ने गपशप की और उसे खबर बनाकर प्रकाशित कर दिया गया। सोनिया गांधी को सुदर्शन ने कथित तौर पर सीआईए का एजेंट बताया था। 11 नवंबर को यह खबर दैनिक भास्कर ने प्रकाशित की। उसी दिन कांग्रेस प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस में सुदर्शन के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई। इसके साथ ही उन्होंने संघ के दफ्तरों पर आसन्न हमलों की जिम्मेदारी संघ पर ही डाल दी। इस एक बयान ने जैसे आग में घी का काम ही किया और 12 नवंबर को पूरे देश में संघ कार्यालयों पर धरने प्रदर्शन और हमले हुए। बहरहाल 12 नवंबर को अखबारों ने इस मुद्दे को जमकर उछाला। सबसे पहले नजर डालते हैं अंग्रेजी अखबारों की कवरेज पर।
12 नवंबर को हिंदी अखबारों ने सुदर्शन के बयान और उसके खिलाफ कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया को भरपूर कवरेज दी है। सबसे पहले बात करते हैं दैनिक भास्कर की। चूंकि दैनिक भास्कर का ही स्कूप सुदर्शन का बयान था। लिहाजा उसने 12 नवंबर को इस प्रकरण से जुड़ी पांच खबरें प्रकाशित की हैं। पहले पेज पर प्रकाशित दो खबरों को एक ही शीर्षक से समेटा गया है सुदर्शन चक्कर में फंसा संघ। पहली खबर जहां कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी के हवाले से लिखी गई है, वहीं दूसरी खबर बयान से संघ-भाजपा ने किया किनारा- को संघ नेता एमजी वैद्य और बीजेपी के नेताओं के हवाले से लिखी गई है। इसके साथ ही 11 नवंबर की रात को संघ मुख्यालय झंडेवालान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन की तीन कॉलम की तस्वीर भी प्रकाशित की गई है। इन खबरों को बी के हरिप्रसाद, अरूण यादव, दिग्विजय सिंह, राम माधव और प्रकाश जावड़ेकर के उद्धरणों से सजाया गया है। दूसरी खबर का शीर्षक है सोनिया हुईं आहत, यूपीए ने दिखाई एकजुटता। इस खबर के साथ ही संजय सिंह का विश्लेषण भी तीन कॉलम में प्रकाशित किया गया है अपने ही पाले में गोल करने की अनोखी मिसाल। इसके साथ ही संसद में हंगामे की दो कॉलम की तस्वीर भी प्रकाशित की गई है। भास्कर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के बयान पर आधारित दो कॉलम की खबर भी प्रकाशित की है सुदर्शन के बयान पर भड़के हुड्डा।
दिल्ली से ही प्रकाशित नई दुनिया ने इस सिलसिले में 12 नवंबर को सात खबरें प्रकाशित कीं। तीन कॉलम की पहली खबर का शीर्षक रहा संघ, सोनिया और स्पेक्ट्रम को लेकर संसद में हंगामा। आरएसएस दफ्तर पर कांग्रेसियों के पथराव को लेकर दूसरी खबर बनाई गई है आरएसएस कार्यालय पर पथराव और हंगामा। करीब ढाई कॉलम की इस खबर के साथ ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल के हवाले से खबर प्रकाशित की गई है आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया जाए। दो कॉलम की चौथी खबर का शीर्षक है सुदर्शन के बयान पर कांग्रेस आगबबूला। इसी खबर के साथ संघ ने झाड़ा पल्ला शीर्षक एक कॉलम की खबर भी है। इन दोनों खबरों को अंदर के पेजों तक फैलाया गया है। पांचवीं खबर करीब ढाई कॉलम की है, जिसका शीर्षक है सुदर्शन की सोनिया पर टिप्पणी से कांग्रेस में उबाल। इसी के साथ भोपाल डेटलाइन से एक खबर प्रकाशित की गई है मध्यप्रदेश में भी भड़की कांग्रेस।

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