पिछले साल
यह सर्वे आधारित रिसर्च इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन के सहयोग से किया गया था। कतिपय
कारणों से यह प्रकाशित नहीं हो पाया। इसे क्रमश: यहां स्थान दिया जा रहा है।)
गतांक से आगे...
जनसत्ता ने 12 नवंबर
को सुदर्शन के बयान प्रकरण को लेकर तीन खबरें प्रकाशित कीं। अखबार ने पहली खबर दो
कॉलम स्पेशल डिस्प्ले में प्रकाशित की। संसद का एक और दिन हंगामे की भेंट चढ़ा
शीर्षक वाली इस स्टोरी को अंदर के पेज तक फैलाया गया है। इसी के साथ बीजेपी और संघ
की प्रतिक्रिया वाली एक कॉलम की स्टोरी भी अखबार ने प्रकाशित की है। इस खबर का
शीर्षक है – सुदर्शन के बयान से
संघ और भाजपा ने पल्ला झाड़ा। तीसरी खबर एक कॉलम में प्रकाशित की गई, हालांकि इसे
भी अंदर के पन्ने तक डिस्प्ले किया गया है। जिसका शीर्षक था – सुदर्शन की अनर्गल बातें बर्दाश्त नहीं की जा
सकतीं – द्विवेदी। नवभारत टाइम्स
ने इस सिलसिले में एक ही खबर प्रकाशित की – सुदर्शन के कमेंट पर दिल्ली में भी उबाल, भड़के कांग्रेसी। दो कॉलम की इस
खबर के साथ अखबर ने संघ मुख्यालय पर युवा कांग्रेसियों के आक्रामक प्रदर्शन की तीन
कॉलम खबर प्रकाशित करके उसका डिस्प्ले बढ़ाया है।
12 नवंबर को
राष्ट्रीय सहारा ने सुदर्शन प्रकरण पर जोरदार रिपोर्टिंग की है। उसकी पहली खबर रही
– कांग्रेसियों का संघ मुख्यालय
पर प्रदर्शन। तकरीबन एक कॉलम की इस खबर के साथ संघ मुख्यालय पर कांग्रेसियों के
प्रदर्शन की बड़ी तस्वीर अखबार ने प्रकाशित की। दूसरी खबर विश्लेषणात्मक रही। रोशन
ने सुदर्शन के बयान से संघ परिवार परेशान शीर्षक खबर में संघ परिवार की परेशानियों
का जिक्र किया है। अजय तिवारी की लिखी तीसरी खबर भी विश्लेषण ही है। इस खबर में
अनुमान लगाया गया है कि सुदर्शन के खिलाफ अदालती कार्रवाई हो सकती है। इस खबर का
शीर्षक है – सुदर्शन को कई
अदालतों में घसीट सकती है कांग्रेस। इस खबर को अंदर के पेज तक फैलाया गया है। चौथी
खबर यूं तो एक कॉलम की ही लगती है, लेकिन इसे भी अंदर के पृष्ठों तक जगह मिली है,
जिसे सुदर्शन की टिप्पणी पर बिफरी कांग्रेस शीर्षक से छापा गया है। चौथी खबर
इलाहाबाद से है। इस खबर का शीर्षक है – रीता जोशी के आवास पर संघियों का पथराव। इसके साथ चार कॉलम में अखबार ने
भोपाल में सुदर्शन का पुतला दहन की तस्वीर भी प्रकाशित की है।
पंजाब केसरी ने 12
नवंबर को सिर्फ एक ही खबर प्रकाशित की। कांग्रेस के हवाले से लिखी गई इस खबर का
शीर्षक रहा – सुदर्शन की टिप्पणई
से भड़की कांग्रेस, संसद ठप्प। एजेंसी के हवाले से छपी चार कॉलम की इस खबर में
कांग्रेस की प्रतिक्रिया ही दी गई है। अमर उजाला ने इस सिलसिले में 12 नवंबर को
चार खबरें प्रकाशित कीं। सुदर्शन के बयान पर मचा बवाल शीर्षक दो कॉलम की खबर के
अलावा अखबार ने चार कॉलम की इलाहाबाद की खबर भी प्रकाशित की है – कांग्रेस और संघ कार्यकर्ताओं में संघर्ष। इस
खबर के साथ इलाहाबाद में संघ कार्यालय पर कांग्रेस और संघ कार्यकर्ताओं में हुए
संघर्ष की दो कॉलम की तस्वीर भी प्रकाशित की गई है। तीसरी खबर सवा तीन कॉलम की है।
इसका शीर्षक है – संघ मुख्यालय
पर बवाल काटा। इसके साथ ही संघ मुख्यालय केशव कुंज पर युवा कांग्रेसियों के
प्रदर्शन की दो कॉलम की तस्वीर भी दी गई है। इसी खबर के साथ एक कॉलम की एक छोटी
खबर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के हवाले से प्रकाशित की गई है। इस खबर का शीर्षक है – प्रदेश कांग्रेस सड़क पर उतरेगी।
12 नवंबर को दैनिक
जागरण ने तीन खबरें प्रकाशित की हैं। दो कॉलम की पहली खबर का शीर्षक है – घोटालों से घिरी कांग्रेस को सुदर्शन ने दी
संजीवनी। इसके साथ ही इलाहाबाद में संघ कार्यालय पर कांग्रेस और संघ कार्यकर्ताओं
में हुई धींगामुश्ती की तस्वीर को भी दो कॉलम में अखबार ने प्रकाशित किया है। दूसरी
खबर का शीर्षक है – संघ ने किया
सुदर्शन से किनारा। संघ और बीजेपी के हवाले से लिखी गई इस विश्लेषणात्मक खबर को
चार कॉलम की जगह हासिल हुई है। इसके साथ ही अखबार ने संसद में आए गतिरोध को आधार
बनाकर एक कॉलम की खबर प्रकाशित की –
भ्रष्टाचार के साथ सुदर्शन का बयान पड़ा संसद पर भारी। दैनिक हिंदुस्तान ने 12
नवंबर को दिल्ली में संघ कार्यालय पर कांग्रेस के प्रदर्शन को बेहतर डिस्प्ले दिया
है। चार कॉलम की इस खबर से दोगुनी जगह इसके फोटो को दी गई है। इस खबर का शीर्षक है
– कांग्रेसियों ने आरएसएस
कार्यालय पर किया हंगामा। दूसरी खबर चार कॉलम का स्पेस देकर प्रकाशित की गई है। इस
खबर का शीर्षक है-सोनिया पर सुदर्शन के बयान से कांग्रेसियों में उबाल। इसके साथ
कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी का उद्धरण फोटो सहित प्रकाशित किया गया है।
तीसरी खबर इलाहाबाद डेटलाइन से प्रकाशित किया गया है। दो कॉलम की इस खबर की हेडिंग
है - संघ और कांग्रेसियों में जमकर संघर्ष। इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव दिग्विजय
सिंह और केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल के बयानों से उद्धरण दिए गए हैं। जाहिर है
ये संघ और सुदर्शन के खिलाफ ही हैं।
हिंदी अखबारों में जो उबाल 12 नवंबर को दिखता है, अंग्रेजी
अखबारों में यह उबाल एक दिन पहले यानी 11 नवंबर को ही परिलक्षित होना शुरू हो गया
था। द स्टेट्समैन ने इस दिन एक ही बड़ी खबर प्रकाशित की –
स्टॉर्म ओवर सुदर्शन्स सोनिया रिमार्क्स। तीन कॉलम की इस स्टोरी के साथ सुदर्शन और
सोनिया की तस्वीर लगी है और इसे अंदर के पेज तक फैलाया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस
ने तीन कॉलम की बड़ी खबर 11 नवंबर को पहले पेज पर ही चस्पा की हैव- फॉर्मर आरएसएस
चीफस बिजारे सोनिया थियरी मेक्स इवेन बीजेपी स्क्विर्म। खबर इतनी बड़ी और
विश्लेषणात्मक है कि इसे अंदर के पृष्ठ पर चार कॉलम की जगह में अखबार को समेटना
पड़ा है। आर्थिक अखबार इकोनॉमिक टाइम्स तक को सुदर्शन के बयान से अर्थव्यवस्था पर
असर पड़ने का अंदेशा है। लिहाजा उसने 11 नवंबर को इस खबर पर अच्छी-खासी जगह दी है।
उसने तीन कॉलम सुदर्शन का विचारणीय फोटो लगाकर साथ में तीन ही कॉलम की स्टोरी भी
दी है –
सुदर्शन्स चक्र लैंड्स ऑन हिज फेस। टाइम्स ऑफ इंडिया ने कांग्रेस महासचिव जनार्दन
द्विवेदी का बयान को ऐसे शीर्षक के तौर पर पेश किया- मानो वह खुद ही सुदर्शन को
ऐसा कह रहा है। तीन कॉलम की उसकी खबर का शीर्षक था – सुदर्शन ए फोस्सिल विथ ए सिक माइंड सेट। इसके साथ ही
सुदर्शन जी के बयान से उद्धृत अंश को भी उनके टिकट साइज फोटो के साथ अखबार ने जगह
दी है। 11 नवंबर को द हिंदू की खबर हरियाणा के मुख्यमंत्री के बयान पर आधारित है –
डेस्पिकेबल चार्जेज, सेज हुड्डा।
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