शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2013

संघ की कवरेज....


आखिरी किश्त ...
दैनिक भास्कर ने 14 नवंबर को सुदर्शन प्रकरण में तीन खबरें प्रकाशित की है। एक ही शीर्षक सुदर्शन पर मानहानि के मुकदमे की सलाह से प्रकाशित पहली खबर नई दिल्ली से लिखी गई है। पहली खबर में संघ ने सोनिया गांधी को सुदर्शन पर मुकदमा चलाने का सुझाव दिया है। जयपुर से लिखी दूसरी खबर का उपशीर्षक है सुदर्शन हो सकते हैं गिरफ्तार। तीसरी खबर भोपाल से है मैदान में उतर सकता है संघ। यह खबर अंदर के पेज तक फैलाई गई है। दैनिक भास्कर ने 16 नवंबर को दो कॉलम की खबर प्रकाशित की। राजनाथ सिंह के हवाले से लिखी गई खबर का शीर्षक है कांग्रेस भ्रष्टाचार से ध्यान बंटाने को सुदर्शन को दे रही तूल : राजनाथ। भास्कर ने 16 को ही तीन कॉलम की एक खबर भी प्रकाशित की है सुदर्शन व राहुल-दिग्विजय के खिलाफ परिवाद पेश। इंदौर से लिखी इस खबर के साथ तीनों नेताओं के छोटे-छोटे फोटो भी प्रकाशित किया है।
इसी दिन गोरखपुर से दैनिक भास्कर ने एक कॉलम की खबर प्रकाशित की संघ-कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष। 16 नवंबर को ही दैनिक भास्कर के राष्ट्रीय संस्करण ने अपने ऑपएड पृष्ठ पर पुण्यप्रसून वाजपेयी का लेख सोनिया के हाथ सुदर्शन चक्र प्रकाशित किया है। इस लेख के साथ सोनिया का पोस्टरनुमा फोटो और सुदर्शन के टिकट साइज तस्वीर का कोलाज भी प्रकाशित किया गया है। इसी अखबार के राष्ट्रीय संस्करण ने ही 17 नवंबर को तीन कॉलम के शीर्षक के साथ रांची से खबर प्रकाशित की है कांग्रेस-संघ में हुआ सड़क पर संघर्ष। इसके साथ संघ और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मारपीट के तीन फोटो भी प्रकाशित किए गए हैं। द
अमर उजाला ने 14 नवंबर को चार खबरें प्रकाशित की हैं। नई दिल्ली, भोपाल और कानपुर से लिखी खबर का शीर्षक है
मानहानि का केस करें सोनिया गांधी : वैद्य। इसी खबर के साथ छोटी खबर ये भी है भागवत बोले, नो कमेंट। इसी दिन अमर उजाला ने दिग्विजय सिंह के हवाले से खबर प्रकाशित की दिग्विजय का संघ पर निशाना। इसी खबर के साथ श्रीप्रकाश जायसवाल के हवाले से छोटी खबर भी दी गई है दंगों के पीछे संघ की विचारधारा : जायसवाल। 15 नवंबर को अखबार ने गोरखपुर से लिखी खबर प्रकाशित की कमजोर हिंदू संगठन हैं देश की समस्या। इसी दिन संपादकीय पृष्ठ का दूसरा लेख अमर उजाला ने प्रकाशित किया है। अवधेश कुमार के इस लेख का शीर्षक है संघ के बौखलाने का मतलब। 16 नवंबर को इंदौर डेटलाइन से एजेंसी की खबर अमर उजाला ने प्रकाशित की है स्वयंसेवक ने किया राहुल-दिग्गी पर केस। 17 नवंबर को अमर उजाला ने लिखा है सुदर्शन के खिलाफ एक और याचिका। इंदौर से भेजी इस खबर को एक कॉलम में प्रकाशित किया गया है। इस खबर के साथ रांची में संघ-कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हुए संघर्ष की डेढ़ कॉलम की फोटो भी प्रकाशित की गई है।
सुदर्शन प्रकरण पर नई दुनिया का उत्साह 14 नवंबर को एक बार फिर दिखा। इस दिन इस अखबार ने चार खबरें प्रकाशित की। दो कॉलम की पहली खबर नई दिल्ली डेटलाइन से लिखी गई है- कांग्रेस देश में 84 जैसे दंगे करवाना चाहती है : भाजपा। भले ही यह खबर दो कॉलम में है, लेकिन इसकी लंबाई तीन सेंटीमीटर के करीब है। इसी दिन तीन कॉलम के शीर्षक सुदर्शन को देश में रहने का हक नहीं : लालू- शीर्षक से अखबार ने तीन खबरें प्रकाशित की हैं। शीर्षक वाली खबर दो कॉलम की है। जिसे पटना में लालू प्रसाद यादव के हवाले से लिखा गया है। दूसरी खबर भोपाल से है। एक कलम की इस खबर का उपशीर्षक है भोपाल में पचौरी समेत सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता गिरफ्तार। तीसरी खबर का उपशीर्षक है सम्माननीय हैं सोनिया : माया। यह खबर बीजेपी नेता माया सिंह के हवाले से लिखी गई है। इसी दिन अखबार ने अपने वरिष्ठ संपादक मधुसूदन आनंद का लेख प्रकाशित किया है- अपने पर ही वार करता (अ) सुदर्शन चक्र। सोनिया गांधी के पोस्टरनुमा फोटो और ध्वज प्रणाम करते सुदर्शन के छोटे फोटो के साथ इस लेख को आधे पृष्ठ में प्रकाशित किया गया है। 15 नवंबर को अखबार ने इंदौर से भाषा एजेंसी की भेजी दो कॉलम की खबर सुदर्शन के बयान को तूल देना कांग्रेस की हिंदू विरोधी मानसिकता : भाजपा अखबार ने प्रकाशित की है। इसी दिन भोपाल से पांच लाइन की भी एक खबर नई दुनिया ने प्रकाशित की है तरूण विजय से मुलाकात के बाद सुदर्शन रवाना। इसी दिन अखबार ने लखनऊ से छह लाइन की खबर संघ के सह कार्यवाह दत्तात्रेय होसबले के हवाले से प्रकाशित की है हमारी शांतिप्रियता को दुर्बलता न समझें : होसबले। 16 नवंबर को नई दुनिया ने लखनऊ से योगेश मिश्र का विश्लेषण- भाजपा को किनारे कर सीधे पहुंच बनाने में जुटा संघ- शीर्षक से प्रकाशित किया है। इसी दिन अजमेर से वार्ता की खबर को दो छोटे कॉलम में अखबार ने प्रकाशित किया है सुदर्शन के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित। इसके अगले दिन यानी 17 नवंबर को अखबार ने जयपुर से वार्ता एजेंसी की दो कॉलम की खबर सुदर्शन के खिलाफ पुलिस को अनुसंधान करने के आदेश शीर्षक से प्रकाशित की है। इसके साथ भी मधुसूदन आनंद के लेख के साथ छपे सुदर्शन जी के फोटो को ही छोटा करके प्रकाशित किया गया है। 17 नवंबर को ही भोपाल में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हवाले से आठ लाइन की खबर नई दुनिया ने प्रकाशित की सुदर्शन विवाद पर मुंह बंद रखें : चौहान।
दैनिक जागरण ने 14 नवंबर को चार खबरें प्रकाशित की हैं। पहली खबर का शीर्षक है सुदर्शन को मानसिक रोगी बताने की होड़। दो कॉलम की इस खबर के साथ सुदर्शन के खिलाफ हुए प्रदर्शन की दो कॉलम की फोटो भी प्रकाशित की गई है। इसी खबर के साथ दिग्विजय सिंह के हवाले से एक कॉलम की खबर भी छपी है आतंकी गतिविधियों में पकड़े गए सभी हिंदू संघ से संबद्ध। तीसरी खबर एमजी वैद्य के हवाले से लिखी गई है। नागपुर से एजेंसी की इस खबर को दैनिक जागरण ने -  सोनिया गांधी को सलाह, सुदर्शन पर करें मुकदमा- हेडिंग से प्रकाशित किया है। इसी दिन कानपुर से एजेंसी की एक कॉलम की खबर है सुदर्शन पर भागवत बोले- नो कमेंट। चौथी खबर तरूण विजय के हवाले से दो कॉलम में प्रकाशित की गई है संघ कार्यालयों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेगी भाजपा। 15 नवंबर को दैनिक जागरण ने दो खबरें प्रकाशित की संघ पर पाबंदी के पक्ष में नहीं दिग्विजय और हो सकती है सुदर्शन की गिरफ्तारी। पहली जहां ढाई कॉलम की है, वहीं दूसरी एक कॉलम की है और उसे जयपुर संवाददाता ने लिखी है। 16 नवंबर को दैनिक जागरण ने जयपुर और लुधियाना डेटलाइन से एक कॉलम की खबर सुदर्शन के खिलाफ जोधपुर की अदालत में मामला दर्ज प्रकाशित की है। इसी दिन दैनिक जागरण के राष्ट्रीय संस्करण ने अपने ऑपएड पेज पर अवधेश कुमार का लेख विरोध का यह कैसा कांग्रेसी रवैया प्रकाशित किया है। करीब 40 फीसदी पृष्ठ पर प्रकाशित इस लेख के साथ राजीव रंजन तिवारी का भी एक लेख प्रकाशित हुआ है लगते रहे लांछन, बढ़ती रहीं सोनिया। 17 नवंबर को इसी अखबार ने रांची और भोपाल में संघ और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प को लेकर दो कॉलम के रांची के फोटो समेत चार कॉलम की खबर रांची-भोपाल में भिड़े संघ कांग्रेस कार्यकर्ता- शीर्षक से प्रकाशित की है। 

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