(विज्ञप्ति)
वरिष्ठ
पत्रकार उमेश चतुर्वेदी को महामना पत्रकारिता पुरस्कार से
सम्मानित किया गया है। इसके तहत उन्हें पांच हजार एक रूपए की राशि के साथ ही
अभिनंदन पत्र और शाल से सम्मानित किया गया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक
और महान स्वतंत्रता सेनानी महामना मदन मोहन मालवीय के जन्मदिवस के मौके पर उमेश
चतुर्वेदी को उनके ओजस्वी लेखन के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
गौरतलब है कि उमेश चतुर्वेदी पहली ऐसी शख्सीयत हैं, जिन्हें उनके ओजस्वी लेखन के
लिए इसी पुरस्कार से दूसरी बार सम्मानित किया गया है। उन्हें साल 2009 में भी
सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें वरिष्ठ राष्ट्रवादी पत्रकार शिवकुमार गोयल,
राम बहादुर राय और वरिष्ठ मार्क्सवादी पत्रकार शिवकुमार मिश्र के हाथों मिला। इस
मौके पर शिवकुमार मिश्र ने कहा कि हिंदोस्थान का संपादन करके महामना मालवीय ने जिस
राष्ट्रवादी पत्रकारिता की नींव रखी थी, आज के पत्रकार इस धारा को जरूर आगे
बढ़ाएंगे। गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सक्रिय पत्रकारों को मेवाड़
संस्थान की तरफ से पिछले आठ सालों से ये पुरस्कार दिए जा रहे हैं। शिवकुमार मिश्र
ने मेवाड़ संस्थान को धन्यवाद देते हुए कहा कि संस्थान का यह कदम पत्रकारिता के
गिरते मूल्यों को रोकने में मददगार साबित होगा। इस पुरस्कार के निर्णायक मंडल में
मशहूर पत्रकार और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के निदेशक जगदीश
उपासने, अरविंद मोहन, प्रदीप सिंह और मशहूर कार्टूनिस्ट काक शामिल रहे। पुरस्कार
हासिल करने के मौके पर उमेश चतुर्वेदी ने कहा कि शिवकुमार गोयल, राम बहादुर राय और
शिवकुमार मिश्र जैसी हस्तियों के हाथों सम्मानित होकर उन्हें गर्व महसूस हो रहा
है।
गौरतलब
है कि उमेश चतुर्वेदी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बघांव गांव के निवासी हैं। उन्होंने स्थानीय सतीश
चंद्र कॉलेज से हिंदी में एमए तक की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के
प्रतिष्ठित भारतीय जनसंचार संस्थान से पत्रकारिता की उच्च शिक्षा हासिल की है। वे
दैनिक भास्कर, जी न्यूज और महुआ न्यूज जैसे संस्थानों में महत्वपूर्ण पदों पर
कार्यरत रहे हैं। हाल तक वे महुआ न्यूज उत्तर प्रदेश के आउटपुट एडिटर थे।
चतुर्वेदी लगातार स्तंभ लेखन भी करते रहे हैं। ऑल इंडिया रेडियो के राष्ट्रीय एफएम
चैनल से उनकी सामयिक वार्ताएं प्रसारित होती रही हैं। चतुर्वेदी ने माखन लाल
चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के लिए मशहूर पत्रिका दिनमान का मोनोग्राफ भी
लिखा है। उन्होंने मानव रचना इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फरीदाबाद और उत्तराखंड मुक्त
विश्वविद्यालय के लिए पत्रकारिता का पाठ्यक्रम भी तैयार किया है।
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