मंगलवार, 20 मई 2008

गांवों में भी इंटरनेट का बढ़ रहा है जोर

भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या पिछले साल 4 करोड़ 90 लाख रही। जिसमें सबसे ज्यादा शहरी लोगों ने सर्फ किया। ये संख्या करीब चार करोड़ रही- जबकि ग्रामीण इलाकों के लोगों की संख्या करीब नब्बे लाख रही है। महीने में करीब एक बार सर्फ करने वालों की संख्या लगभग 3 करोड़ 50 लाख रही। जिसमें से तीन करोड़ लोग शहरी इलाकों से थे- जबकि पचास लाख लोग गाम्रीण इलाकों से रहे। ये आंकड़े अनुसंधान तथा ऑनलाइन सलाहकार फर्म जस्टकंसल्ट ने जारी किए हैं। भारत ऑनलाइन 2008 नामक सर्वेक्षण के मुताबिक भारतीय शहरों में हर 10 में से एक यानी करीब 10 फीसदी आबादी इंटरनेट से जुड़ी है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि इसमें से भी करीब 70 प्रतिशत लोगों की पसंद भारतीय भाषाओं में सर्फ करना है। जाहिर है कि देश में देसी भाषाओं के इंटरनेट का भविष्य बेहतर है। जस्ट कंसल्ट की इस रिपोर्ट के बाद उम्मीद की जा रही है कि देसी भाषाओं के इंटरनेट उपभोक्ताओं में और उछाल आ सकता है।

6 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

अच्छी जानकारी!

आपने एडसेंस और एडब्राइट के विज्ञापन एक साथ लगाये हैं। इसके कारण आपका एडसेंस खाता खतरे में पड़ सकता है क्योंकि कार्य यह गूगल एडसेंसे की नीतियों, नियमों और शर्तों के उल्लंघन के अन्तर्गत आता है। मेरा सुझाव है कि इन दोनों प्रतिस्परधियों में से केवल एक के ही विज्ञापन लगायें।

Kirtish Bhatt ने कहा…

सही है इस बात का अनुभव मुझे दो दिन पहले ही हुआ जब एक छोटे से गाँव मे रहने वाले मेरे एक मित्र ने १३ साल बाद इंटरनेट के माध्यम से मुझे ढूंढ निकला.

mamta ने कहा…

अच्छी ख़बर है।

Udan Tashtari ने कहा…

बढ़िया खबर लाये हैं, पंडित जी.

बेनामी ने कहा…

नमस्कार सर,
कैसे हैं आप। आपका फोन न. कई कोशिशों के बाद भी नहीं मिल पाया। सर, मौका मिले तो एक नज़र मेरे ब्लॉग पर भी डाल लीजिएगा...इस बार का मजमून है कि................देश की केंद्रीय सरकार और जनता दोनों ही अजीब मुसीबत में है। सरकार पूरी कोशिश करने का दावा कर रही है लेकिन महंगाई पर उसका कोई ज़ोर नहीं। लग रहा है कि अब कोई रास्ता ही नहीं बचा है। सबसे बड़ी बात है कि अब क्या करेगी सरकार ? पढ़िए पूरी कहानी अग्निवीणा पर।
ओमप्रकाश दास
लोकसभा टीवी

Manoj Srivastava ने कहा…

यह शुभ संकेत है.
भोजपुरियागुरु डाट काम