काटजू के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर
नेशनल आरटीआई फोरम की कन्वेनर डॉ नूतन ठाकुर ने प्रेस काउन्सिल ऑफ इंडिया
के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू और सचिव विभा भार्गव के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट के
लखनऊ बेंच में एक अवमानना याचिका दायर की है। यह अवमानना याचिका पीआईएल संख्या 2685/2012 के सम्बन्ध में है। इस पीआईएल में नूतन ने 04 अप्रैल 2012 को सेना कूच से
सम्बंधित दो समाचारों के सम्बन्ध में जांच करने हेतु प्रार्थना की थी। जस्टिस उमानाथ सिंह और जस्टिस वी के दीक्षित की बेंच
ने 10 अप्रैल 2012 के अपने निर्णय में सचिव, सूचना और प्रसारण मंत्रालय एवं अन्य को आदेशित किया था
कि वे सुनिश्चित करें कि सेना के मूवमेंट से सम्बंधित कोई भी खबर प्रिंट एवं
इलेक्ट्रौनिक मीडिया में प्रकाशित ना हो।
हाई कोर्ट के इस आदेश के अनुपालन में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 11 अप्रैल 2012 को विभा भार्गव को पत्र लिख कर इस आदेश का अनुपालन किये जाने हेतु कहा था। इस आदेश का अनुपालन करने के स्थान पर काटजू ने 12 अप्रैल 2012 को अपना स्वयं का एक आदेश पारित कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट का यह आदेश सही नहीं है और प्रेस काउन्सिल ने उस आदेश का अनुपालन नहीं किया।
नूतन के अनुसार यह स्पष्टतया कोर्ट की अवमानना का मामला बनता है। यदि प्रेस
काउन्सिल ऑफ इंडिया को हाईकोर्ट के आदेश पर कोई आपत्ति थी तो उसे इस सम्बन्ध में
स्पेशल रिट पीटिशन दायर करने का पूरा अधिकार था, लेकिन उसे एक एक अनुपालन संस्था
के रूप में हाईकोर्ट के निर्णय को गलत बताते हुए उसका अनुपालन करने से मना करने का
अधिकार नहीं था। यदि सारी अनुपालक संस्थाएं इसी प्रकार से बर्ताव करने लगेंगी तो
पूरी न्यायिक प्रक्रिया ही छिन्न-भिन्न हो जायेगी। इसी आधार पर नूतन ने मार्कंडेय
काटजू और विभा भार्गव पर अवमानना की प्रक्रिया चलाने हेतु प्रार्थना की है। (विज्ञप्ति)
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