आखिरकार भारतीय जनसंचार संस्थान के पत्रकारिता के छात्रों को डिप्लोमा देने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्री प्रियरंजन दास मुंशी ने वक्त निकाल ही लिया। दीक्षांत समारोह 12 जून को किया जा रहा है। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर विदेशमंत्री प्रणव मुखर्जी भी हिस्सा ले रहे हैं। बंगाल के दो-दो महाशय इस बार दीक्षांत समारोह की शोभा बढ़ाएंगे। छात्रों के डिप्लोमा की मियाद पिछले 30 अप्रैल को ही खत्म हो गई है। लेकिन मुंशी जी की डायरी में पत्रकारिता के छात्रों की औकात कुछ खास नहीं थी। लिहाजा वे वक्त ही नहीं निकाल पा रहे थे। रही बात संस्थान की अफसरशाही की - तो उसकी औकात कहां बिना अपने मंत्री के इशारे के कोई कदम उठाए। वैसे दावा तो किया जाता है कि ये संस्थान स्वायत्त है। लेकिन मंत्री की मर्जी के बगैर यहां शायद ही कभी पत्ता हिलता हो। वैसे वामपंथी दल अक्सर भारतीय इतिहास अनुसंधान संस्थान और एनसीईआरटी की स्वायत्तता की रक्षा के लिए संसद से लेकर बाहर तक तलवार निकालते रहते हैं। लेकिन इस संस्थान की स्वायत्तता को बनाए रखने की ओर उनका ध्यान नहीं जाता।
वैसे भी पहले ये कार्यक्रम सुबह साढ़े दस बजे होना प्रस्तावित था। लेकिन मंत्री जी को कुछ नया काम निकल आया - लिहाजा अब ये कार्यक्रम सुबह नौ बजे ही होगा। संस्थान के इतिहास में ये पहला मौका है - जब इतनी देर से दीक्षांत समारोह आयोजित किया जा रहा है।
इस ब्लॉग पर कोशिश है कि मीडिया जगत की विचारोत्तेजक और नीतिगत चीजों को प्रेषित और पोस्ट किया जाए। मीडिया के अंतर्विरोधों पर आपके भी विचार आमंत्रित हैं।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
-
उमेश चतुर्वेदी लोहिया जी कहते थे कि दिल्ली में माला पहनाने वाली एक कौम है। सरकारें बदल जाती हैं, लेकिन माला पहनाने वाली इस कौम में कोई बदला...
-
टेलीविजन के खिलाफ उमेश चतुर्वेदी वाराणसी का प्रशासन इन दिनों कुछ समाचार चैनलों के रिपोर्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटा है। प्रशासन का ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें