गुरुवार, 9 अक्तूबर 2014

चीन रेडियो पर

चीन रेडियो इंटरनेशन के दक्षिण एशिया फोकस कार्यक्रम में शुक्रवार 03 अक्टूबर 2014 को प्रसारित अपने विचार...चीन रेडियोे के यशस्वी एंकर पंकज श्रीवास्तव जी ने इस इंटरव्यू को किया ...इसका लिंक आप सुधी जनों के लिए भी है..आपकी प्रतिक्रियाएं मेरा उत्साह बढ़ाएंगी

http://hindi.cri.cn/1321/2014/10/09/1s162514.htm

मंगलवार, 7 अक्तूबर 2014

नदी संरक्षण के लिए दिल्ली में होगा मीडिया जुटान

“नद्द: रक्षति रक्षितः” विषय के साथ इस बार का आयोजन दिल्ली में भारतीय जनसंचार संस्थान संस्थान (आईआईएमसी) के सभागार में 11 और 12 अक्टूबर को होगा। है। इसमें देशभर के मीडिया, नदी और जल से जुड़े संगठनों के 250 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
जन सरोकार से जुड़े तमाम मुद्दों पर जागरूकता के लिए प्रयासरत संस्था स्पंदन और मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा संयुक्त रूप से यह आयोजन किया जा रहा है. मीडिया चौपाल का आयोजन गत तीन वर्षों से किया जा रहा है. पिछ्ला दो आयोजन भोपाल में हुआ था. इसमें देश भर के प्रमुख जन संचारक हिस्सा लेते रहे हैं. पिछले आयोजनों विकास और विज्ञान मुख्य विषय था. इस वर्ष चौपाल का मुख्य विषय नदी संरक्षण है. गौरतलब है कि इस बार के चौपाल में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, विज्ञान भारती, भारतीय जनसंचार संस्थान, जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र, इंडिया वाटर पोर्टल और भारतीय विज्ञान लेखक संघ का भी सहयोग मिल रहा है.
11-12 अक्टूबर को मीडिया चौपाल में जुटेंगे देश भर से जन-संचारक
इस चौपाल में विचारक के एन गोविन्दाचार्य, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, सांसद और पत्रकार प्रभात झा, राज्यसभा सांसद और नर्मदा समग्र के अध्यक्ष अनिल माधव दवे, वरिष्ठ पत्रकार जवाहरलाल कॉल, जल विशेषज्ञ अनुपम मिश्र, विज्ञान संचारक डा. मनोज पटेरिया, विज्ञान भारती के संगठक जयकुमार, मध्यप्रदेश सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार डा. प्रमोद कुमार वर्मा, बाढ़ के विशेषज्ञ दिनेश मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय, जयदीप कर्णिक, रामेन्द्र सिन्हा, हितेश शंकर, के. जी. सुरेश, पर्यावरण स्तंभकार देवेन्द्र शर्मा, पंकज चतुर्वेदी, भाषाविद हेमंत जोशी, प्रमोद दूबे सहित देशभर के लगभग 250 से अधिक संचारक और जल के जानकार जुट रहे हैं. ये सभी संचारक और विषय विशेषज्ञ लोकहित में प्रभावी और उद्देश्य आधारित संचार के लिए रणनीतिक ज्ञान भी साझा करेंगे. इस मौके पर स्वतंत्र रूप से कार्यरत वेब और अन्य संचारकों की समस्याओं पर भी विमर्श होगा. बेहतर संचार के तरीके भी ढूंढें जाएंगे.