बुधवार, 3 सितंबर 2014

तीसरे प्रेस आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव नही- केंद्र सरकार


केंद्र सरकार ने तीसरे प्रेस आयोग बनने की संभावनाओं को ख़ारिज कर दिया है। सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए एक आवेदन के जबाब में सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के अवर सचिव सह केन्द्रीय जन सूचना पदाधिकारी शैलेश गौतम ने यह जानकारी आवेदक सूचना अधिकार कार्यकर्त्ता अभिषेक रंजन को दी है। जबाब में सरकार की ओर से बताया गया है कि तीसरे प्रेस आयोग के गठन संबंधी कोई प्रस्ताव सरकार के अधीन विचाराधीन नही है।

मंगलवार, 2 सितंबर 2014

इन्क्लूसिव मीडिया – यूएनडीपी फैलोशिप 2014

इन्क्लूसिव मीडिया- यूएनडीपी फैलोशिप 2014 के लिए हिन्दी और अंग्रेजी मीडिया से जुड़े ओड़िशा, झारखंड, असम और पंजाब के कुल छह पत्रकारों का चयन हुआ है। चयनित फैलो अपनी रोजमर्रा की पत्रकारिता से समय निकालकर देश के ग्रामीण और वंचित समुदायों के बीच समय बिताएंगे ताकि समाज के इस हिस्से की चिन्ता और सरोकारों को व्यापक कवरेज मिल सके और उसपर लोगों का ध्यान जा सके। फैलोशिप के अन्तर्गत चयनित प्रत्येक अभ्यर्थी को समाचारों को एकत्र करने और इस क्रम में हुए खर्चे की भरपाई के लिए अधिकतम 150,000 की राशि प्रदान की जाएगी
फैलोशिप के लिए अभ्यर्थियों का चयन प्रसिद्ध पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता श्री विनीत नारायण, विकासपरक मुद्दों के विशेषज्ञ तथा विकासशील समाज अध्ययन पीठ(सीएसडीएस) के वरिष्ठ फैलो प्रोफेसर पीटर डीसूजा, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑव मैनेजमेंट, अहमदाबाद(आईआईएम-ए) के पूर्व डीन प्रो. जगदीप छोकर, यूएन कोऑर्डिनेशन एडवाइजर सुश्री राधिका कौल बत्रा तथा आईआईटी दिल्ली की अर्थशास्त्री(विकास) सुश्री रीतिका खेड़ा ने किया।
चयनित अभ्यर्थियों के नाम और उनके परियोजना प्रस्ताव का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है :
1.    सुश्री शारदा लहंगीर, एएनआई/ विमेन्स फीचर सर्विस (ओडिशा के छह जनजातीय जिलों में वनाधिकार के क्रियान्वयन और आजीविका के लिहाज से आदिवासी समुदाय पर प्रभाव का अध्ययन)
2.    रजनीश आनंद, प्रभात खबर, रांची ( झारखंड के चाईबासा और सिंहभूम जिले में माहवारी से संबंधित व्याप्त भ्रांतियों और इससे संबंधित स्वास्थ्गत साफ-सफाई की समस्या पर केंद्रित अध्ययन)
3.    आलोका कुजूर, स्वतंत्र पत्रकार, अपनी रांची ( झारखंड के बिरहोर समुदाय की महिलाओं और बच्चों के संदर्भ में खाद्य-सुरक्षा, जमीन और जीविका के मुद्दे पर केंद्रित अध्ययन)
4.    जसिन्ता केरकेट्टा, स्वतंत्र पत्रकार, खबरमंत्र (झारखंड के पाँच जिलों में पहाड़िया समुदाय की रोजगार और सांस्कृतिक दशा का अध्ययन)
5.    संजीव वर्मा, हिन्दुस्तान टाइम्स, चंडीगढ़ (महिलाओं की स्थिति के लिहाज से पंजाब के पाँच जिलों में मादक द्रव्यों का प्रभाव, इससे संबंधित कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य-सुविधाओं की स्थिति का अध्ययन)
6.    संजय रे, द असम ट्रब्यून, गुवाहाटी (असम के दूर-दराज के इलाकों के चाय-बगानों के बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चियों की स्थिति के आकलन पर केंद्रित अध्ययन) 
इन्क्लूसिव मीडिया फॉर चेंज(www.im4change.org) समाज के वंचित वर्गों से संबंधित विचारों, सूचनाओं और विकल्पों का एक भंडारघर चलाता है, साथ ही इस परियोजना के अन्तर्गत शोध-कार्य और मीडिया कैप्सिटी बिल्डिंग की कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। परियोजना विकासशील समाज अध्ययन पीठ, राजपुर रोड, दिल्ली में स्थित है।